कहने तो उत्तराखंड राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं का टोटा कोई नया किस्सा नहीं,बल्कि अब पहाड़ियों के जीवन का हिस्सा बन चुका है। सरकारों जिम्मेदारों के लिए उत्तराखंड राज्य किसी नाटकीय अभिनय के मंच की तरह हो गया है, पर्दे पर आओ अभिनय दिखाओ और तालियां बजवाओ लेकिन पर्दे के पीछे के हालात आज भी उसी तरह अव्यस्थित हैं, इनमें कोई बदलाव नहीं आया है। ताजा मामला मामला उत्तराखंड के पहाड़ी जनपद चमोली से सामने आया है, जहां रौता गांव में एक बुजुर्ग की अचानक तबीयत बिगड़ने पर ग्रामीणों ने डोली के सहारे 10 किमी पैदल चलकर अस्पताल तक पहुंचाया, अस्पताल में भी सुविधाओं का अभाव रहा, जिस कारण उन्हें ऋषिकेश एम्स रेफर किया गया लेकिन समय पर उचित इलाज न मिलने पर बुजुर्ग की मौत हो गई। परिजनों और ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन व पीएमजीएसवाई पर लापरवाही का आरोप लगाया।
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