हल्द्वानी का अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में शामिल होगा, विपक्ष ने उठाया सवाल

हल्द्वानी में पिछले 7 साल से बने अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की हालत अब बद से बदतर होती जा रही है हालात यह है कि तीन सरकारें बदल गई लेकिन प्रतिभाओं को निखारने के लिए बनाया गया अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम आज भी विभाग को हैंडोवर नहीं हो पाया है जिसको लेकर कांग्रेस विधायक ने जहां सरकार पर सीधा हमला बोला है तो वहीं सरकार की खेल मंत्री इसका बचाव करती नजर आ रही है।
हल्द्वानी के गौलापार में बने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में अंतरराष्ट्रीय स्तर का क्रिकेट स्टेडियम बनाया गया, 225 करोड़ की लागत से बनाए गए इस स्टेडियम को बने हुए 7 साल हो गए हैं तीन सरकार बदल गई है लेकिन आज तक यह स्टेडियम बच्चों की प्रतिभाओं को निखारने के लिए इस्तेमाल होने की बजाय धूल फांक रहा है, एक ओर सरकार राष्ट्रीय खेल कराने की सोच रही है वहीं दूसरी तरफ स्टेडियम बिना इस्तेमाल हुए ही खराब होने की स्थिति में पहुंच गया हैं लिहाजा विपक्ष का आरोप लगाना भी लाजमी है कांग्रेस विधायक सुमित ह्रदयेश का कहना है कि उनकी माँ इंदिरा ह्रदयेश ने इस अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम का निर्माण करवाया था ताकि प्रदेश के प्रतिभावान खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कर देश का नाम रोशन कर सकें, लेकिन हालात बद से बदतर हो गए हैं। भाजपा की दो सरकारें बदल गई हैं लेकिन आज तक स्टेडियम में एक खेल भी नही हो पाया है।
वहीं दूसरी तरफ सरकार में खेल मंत्री रेखा आर्य का जवाब कुछ और ही है उनका कहना है कि अब इस स्टेडियम को स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी से कनेक्ट कर भविष्य में इस क्षेत्र में बनने वाली यूनिवर्सिटी से जोड़ा जाएगा जिससे खिलाड़ियों की प्रतिभा में और निखार आएगा हालांकि 7 साल से एक स्टेडियम सरकार हैंडोवर तक नहीं ले पाई लेकिन अब स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाने के ख्वाब पूरा करने में न जाने सरकार को कितना वक्त और लगेगा।
एक तरफ सरकार प्रतिभावान खिलाड़ियों को उभारने के लिए प्रोत्साहन योजना चला रही है तो वहीं दूसरी यदि खिलाड़ी खेल मैदान में खेल ही नहीं पाएगा तो फिर उसकी प्रतिभा कैसे निखारेगी लिहाजा पूरे कुमाऊं मंडल के प्रतिभावान छात्रों की नजर हमेशा हल्द्वानी में बने इस अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की तरफ लगी रहती है। लेकिन क्रिकेट के स्टेडियम में क्रिकेट छोड़ कई बार हॉकी और फुटबॉल मैच हो चुके हैं लेकिन क्रिकेट के मैच शुरू नहीं हो पाए उससे भी बड़ी बात यह है कि तीन सरकारें बदलने के बाद भी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम खेल विभाग को हस्तांतरित क्यों नहीं हो पाया यह सवाल लगातार उठ रहा है।