Advertisement
देहरादून

साम्प्रदायिक माहौल को बिगाड़ने की हो रही लगातार कोसिस मगर पुलिस नाकाम।

Advertisement

पछवादून के शांत माहौल को शायद ग्रहण सा लग गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां हो रहे मामलों को समय समय पर लगातार सांप्रदायिक रंग देकर तनाव पैदा करने की कोशिश की जा रही है। मगर स्थानीय पुलिस बेबस बन सिर्फ तमाशबीन बनी हुई है।

Advertisement

 विकासनगर सहित आसपास के क्षेत्रों में पिछले तीन महीनों में यह पांचवां वक्या है, जिसमें सांप्रदायिक रंग देकर क्षेत्र का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई है ‌‌। दरअसल शनिवार देर शाम विकासनगर मुख्य बाजार में पुलिस चौकी से महज दो सौ मीटर के फासले पर दो पक्षों में किसी बात को लेकर विवाद हुआ और बात मारपिटाई तक आ गई। बताया जा है कि इस पूरे घटनाक्रम में दो तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। जबकि इस मारपीट में एक युवक द्वारा धारदार चीज से हमला करने का भी आरोप है।

वहीं मौके पर पहुंची पुलिस को भीड़ को तितर बितर करने और माहौल शांत करने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा‌‌। दो संप्रदाय से जुड़ा होने के कारण मामले ने उस वक्त तूल पकड़ लिया जब हिंदूवादी संगठनों के कुछ लोगों ने अस्पताल में घायलों के उपचार के दौरान जमकर हंगामा काटा और पुलिस पर दूसरे पक्ष का बचाव करने का आरोप लगाते हुए जय श्री राम के नारों के साथ ही पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए हंगामा किया। इतना ही नहीं आक्रोशित इस भीड़ ने देर रात बाजार में रैली निकालते हुए पुलिस चौकी का घेराव किया‌। साथ ही पुलिस चौकी के सामने ही जमकर हंगामा काटते हुए नेशनल हाईवे जाम कर दिया।

Advertisement

मामला बढ़ता देख मौके पर आसपास की थाना पुलिस को आना पड़ा, जहां खुद एक बार फिर से पुलिस क्षेत्राधिकारी भास्कर लाल शाह को मोर्चा संभालना पड़ा। तो वहीं हंगामा कर रही भीड़ का आक्रोश यही शांत नहीं हुआ तो भीड़ एक बार फिर जय श्री राम के नारों के साथ उपद्रव की मंशा से निकली और सड़क किनारे खड़ी फल-सब्जी व अन्य सामानों की ठेलियों को पलटती चली गई । जिस पर मौके पर मौजूद भारी पुलिस बल ने फिर से लाठियां फटकारकर कर हंगामा कर रही भीड़ को खदेड़ दिया, इस बीच उपद्रव कर रहे कुछ युवा पुलिस के हत्थे चढ़ गये जिन्हें पुलिस पकड़कर पुलिस चौकी ले आई। 

 कमलेश उपाध्याय, एसपी देहात देहरादून 

बहरहाल पुलिस अधिकारी मामले की जांच कर और तहरीर आने पर कार्रवाई की बात कर रहे हैं। मगर बड़ा सवाल यही कि आखिर क्यों और किसकी शह पर बार बार शहर को सांप्रदायिक की आग में झोंकने की साज़िश को अंजाम दिया जा रहा है। सवाल यह भी कि क्या स्थानीय पुलिस क्षेत्र का माहौल खराब करने वाले लोगों से सख्ती से निपट पायेगी।

Multiplex Advertisement
Advertisement

Related Articles

Back to top button
Unlocking the Secrets: How Long Should Kids Use Mobiles? केले खाने के स्वास्थ्य और पोषण से संबंधित फायदे भोजपुरी एक्ट्रेस मोनालिसा की बोल्डनेस ने उड़ाए होश 10 Worst-Rated Films of Kangana Ranaut करवा चौथ: व्रत, प्यार और परम्परा

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker