पीरूल की राखियां बना रही स्वयं सहायता समूह की महिलाएं

कर्णप्रयाग में स्वयं सहायता समूह की महिलाओ द्वारा रक्षाबंधन के लिए चीड़ की पत्तियों (पीरूल) और स्थानीय उत्पादों से राखी बनाई जा रही है। मुख्यमंत्री सशक्त बहना योजना के तहत उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत कर्णप्रयाग ब्लॉक की महिलाओं द्वारा पिरुल, कलावा, मोती आदि की राखियां बनाकर बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध कराएगी।
पहाड़ो की महिलाओं की आर्थिकी मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा तमाम प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते है। जिसमे पहाड़ो के उत्पादों को आसानी से बाजारों तक लाकर पहाड़ो के लोगो को मजबूत बनाया जाता है। रक्षाबंधन के अवसर पर बाजारों में फेक्ट्रियो में बनी राखियों की भारी डिमांड रहती है। जिसमे प्लास्टिक और पॉलिथीन का भी उपयोग होता है।
लेकिन गाँवो के जंगलों में पड़े पीरूल को कलाव के द्वारा रंगबिरंगे धागो से सजाकर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा आकर्षक राखियों का निर्माण किया जा रहा है। जो कि प्लास्टिक और पॉलीथिन पर भी रोक लगा रही है बल्कि पहाड़ी उत्पादों को बढ़ावा दे रही है। कर्णप्रयाग ब्लॉक प्रमुख राजेश्वरी रावत ने बताया कि पहाड़ो क़्क़ महिलाओं को सशक्त करने के लिए प्रदेश सरकार कई योजनाएं चला रही है। जिसमे पहाड़ो के उत्पादों को बाजारों में लाकर पलायन पर भी रोक लगाई जा रही है।