सीएक्यूएम ने संपूर्ण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के प्रथम और द्वितीय चरण के कदमों के साथ तृतीय चरण के कार्यान्वयन की स्थिति का जायजा लेने के लिए दिल्ली के साथ हुई कल की समीक्षा बैठक को आगे बढ़ाते हुए आज हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के एनसीआर जिलों की कार्यान्वयन एजेंसियों / निकायों के साथ एक बैठक की। इन एनसीआर जिलों को एक बार फिर से जीआरएपी के तहत प्रथम , द्वितीय और तृतीय चरण के कार्यान्वयन को तेज करने के लिए कहा गया और साथ ही कमीशन के वैधानिक निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भारी जुर्माने की बात दोहराई गई।
समीक्षा बैठक में मुख्य रूप से फायर टेंडर के उपयोग के साथ पानी के छिड़काव को बढ़ावा देने, सड़कों की चौबीसों घंटे यांत्रिक तरीके से सफाई, निर्माण और विध्वंस (सी एंड डी) साइटों पर स्मॉग गन के बेहतर और पहले से ज्यादा उपयोग, प्रभावी अपशिष्ट प्रबंधन, कूड़ा जलाने की बेहतर निगरानी और सख्त दंडात्मक कार्रवाई, उद्योगों में केवल स्वीकृत स्वच्छ ईंधन का उपयोग सुनिश्चित करना, खनन गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाना, बिना पीयूसीसी के साथ चलने वाले वाहनों के खिलाफ चालान जारी करना, धूल पैदा करने वाली गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई, तंदूर में कोयले के उपयोग के खिलाफ अभियान आदि पर ध्यान केंद्रित किया गया।
जीआरएपी उप-समिति के सदस्य डॉ वी के सोनी ने कहा, “आने वाले दिनों में प्रभावी कदमों और जीआरएपी के तहत उठाए गए कड़े कदमों के कारण एनसीआर की वायु गुणवत्ता में सुधार और सकारात्मक प्रभाव दिखने की संभावना है।”