उत्तराखंड के पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे पर शिक्षा एवं पंचायतीराज विभाग में अपने आठ रिश्तेदारों को नौकरी दिलाने का आरोप है। सोशल मीडिया में इसकी खबर वायरल हो रही है। आरोप है कि पूर्व मंत्री ने अपने कार्यकाल में रिश्तेदारों को यह नौकरियां दिलाई।
पूर्व शिक्षा मंत्री की सोशल मीडिया में जो खबर वायरल हो रही है, उसमें पूर्व मंत्री पर आरोप है कि उन्होंने बिहार और बाजपुर के रहने वाले रिश्तेदारों को नौकरी दिलाई है। आरोप है कि बिहार के रहने वाले चार रिश्तेदारों सुनील पांडे को रुड़की इंटर कालेज, सोनू पांडे को हरिद्वार इंटर कॉलेज, धर्मेंद्र पांडे को बालिका इंटर कॉलेज बहादराबाद एवं संतोष पांडे को संस्कृत विद्यालय हरिद्वार में नियुक्ति दिलाई गई।
इसके अलावा बाजपुर निवासी उज्जवल पांडे को निदेशालय पंचायतीराज कार्यालय, रितिक पांडे को पौड़ी इंटर कालेज, जय किशन पांडे को जसपुर आदित्य इंटर कॉलेज एवं राजू पांडे को गुलरभोज इंटर कालेज ऊधमसिंह नगर में नौकरी दिलाई। आरोप है कि वर्ष 2017 से 2021 तक यह नौकरियां दिलाई गई। जिसमें कुछ लोगों के दस्तावेज फर्जी हैं।
पूर्व शिक्षा मंत्री का कहना है कि उन्होंने अपने रिश्तेदारों को नियुक्तियां दिलाईं या नहीं यह हकीकत सबसे सामने आ जाएगी। यदि कहीं कुछ गलत हुआ है तो उसकी जांच होनी चाहिए। पूर्व मंत्री ने कहा कि उनके शिक्षा मंत्री बनने से पहले विभाग में नियुक्तियों के नाम पर पैसा चलता था। जिस उम्मीदवार के लिखित परीक्षा में अधिक अंक होते थे।
पैसा न मिलने पर 25 अंकों के साक्षात्कार में उसे कम अंक देकर बाहर कर दिया जाता था, लेकिन उनके मंत्री बनने के बाद विभाग में पारदर्शी तरीके से 15 हजार नियुक्तियां हुई। नियुक्तियों में किसी तरह की गड़बड़ी न हो इसके लिए 25 अंकों के साक्षात्कार को पांच अंक का कराया। इसमें भी यह अनिवार्य किया गया कि साक्षात्कार के लिए आने वाले किसी भी उम्मीदवार को तीन अंक से कम न दिए जाएं। पूर्व मंत्री ने कहा कि किसी से कोई बात छिपती नहीं है। इस प्रकरण में उनकी छवि को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है।