जिले के अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं पटरी पर नहीं आ पा रही हैं। जिला अस्पताल में बच्चों का इलाज शुरू हुआ तो महिला अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ के अवकाश पर जाने से दिक्कत बढ़ गई है। ऐसे में परिजनों को बच्चों के इलाज के लिए जिला, बेस अस्पताल या निजी क्लीनिक की दौड़ लगानी पड़ रही है।
जिला अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ के अवकाश पर आने से बच्चों का इलाज नहीं हो रहा था। तीसरे दिन मंगलवार को चिकित्सक के अवकाश से लौटने पर इलाज शुरू हो गया। महिला अस्पताल में तैनात एकमात्र बाल रोग विशेषज्ञ के अवकाश पर जाने से अब यहां बच्चों का इलाज ठप हो गया है। मंगलवार को सर्दी, बुखार और वायरल से जूझते हुए 20 से अधिक बच्चे इलाज के लिए महिला अस्पताल पहुंचे। यहां चिकित्सक कक्ष में ताले लटकने से बच्चों और उनके परिजनों को समस्याओं का सामना करना पड़ा। कई परिजनों ने बच्चों के उपचार के लिए जिला, बेस या निजी अस्पतालों का रुख किया तो कई घर लौटे। सीएमओ डॉ. आरसी पंत ने कहा कि जल्द महिला अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ अवकाश से लौटेंगी और उपचार शुरू होगा। संवाद
नाक, कान, गले का उपचार बंद होने से मरीज झेल रहे परेशानी
अल्मोड़ा। जिला अस्पताल में तैनात एकमात्र ईएनटी चिकित्सक के लंबे समय से अवकाश में होने से मरीजों की दिक्कत बढ़ गई है। यहां नाक, कान, गले का इलाज ठप है और मरीज अन्य अस्पतालों में भटकने के लिए मजबूर हैं। मरीज हर रोज नाक, कान, गले की दिक्कत लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं लेकिन उन्हें अन्य अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है।