अल्मोड़ा से 21 बसें मतदान कर्मियों को छोड़ने गईं, यात्री रहे बेबस

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अल्मोड़ा में लोकसभा चुनाव संपन्न हो गया है लेकिन परिवहन व्यवस्था अब भी पटरी पर नहीं आ सकी है। पहले सुरक्षा कर्मियों को मतदान स्थल तक तो अब उन्हें उनके कार्यस्थल तक पहुंचाने के लिए अधिकांश रोडवेज बस जिले से बाहर भेज दी गई हैं। अल्मोड़ा डिपो से एक साथ 21 बस सुरक्षा कर्मियों को पहुंचाने के लिए भेजने से यात्री बेबस रहे और उन्हें वाहनों के लिए धक्के खाने पड़े।

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अल्मोड़ा डिपो से दिल्ली, देहरादून, टनकपुर सहित अन्य रूट पर 24 बस का संचालन होता है। शनिवार को 21 बसों को लोकसभा चुनाव के लिए पहुंचे सुरक्षा कर्मियों को वापस छोड़ने के लिए भेज दिया गया। अधिकांश बसों के सड़क से गायब रहने से यात्रियों को खासी दिक्कत झेलनी पड़ी। हालात यह रहे कि दिल्ली, देहरादून जाने वाले यात्रि टैक्सी से हल्द्वानी रवाना हुए तब जाकर उन्हें बस नसीब हुई। वहीं आंतरिक रूट पर सफर करने वाले यात्री भी टैक्सी, केमू बस के लिए भटकते रहे।

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टैक्सी का भी हुआ सीमित संचालन अल्मोड़ा  जिले में संचालित अधिकांश टैक्सी का चुनाव के लिए अधिग्रहण किया है, इससे सड़कों पर इनकी कमी बनी हुई है। शनिवार को कई मतदान पार्टियां वापस लौटीं तो एक दिन पूर्व वापस लौटे वाहन स्वामियों ने टैक्सी का संचालन नहीं किया।दिल्ली जा रही हवालबाग निवासी रश्मि ने कहा कि सुबह से रोडवेज स्टेशन में बस का इंतजार करती रहीं, लेकिन राहत नहीं मिली। मजबूरन अब उन्हें टैक्सी से हल्द्वानी तक सफर करना पड़ रहा है।

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टनकपुर जा रहे चितई निवासी कैलाश ने बताया कि सुबह से एक भी बस रोडवेज स्टेशन नहीं पहुंची। अब उन्हें टैक्सी का इंतजाम करना पड़ रहा है।
अधिकांश बस मतदान कर्मियों को छोड़ने गई हैं। इनके वापस लौटने पर व्यवस्था पटरी पर आएगी। -विजय तिवारी, एआरएम, अल्मोड़ा।

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