अरविंदर सिंह लवली ने बीते 28 अप्रैल को दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। शीला दीक्षित की सरकार में मंत्री रहे लवली को पिछले साल ही अगस्त में दिल्ली कांग्रेस प्रमुख नियुक्त किया गया था। वे दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस के गठबंधन और टिकट बंटवारे को लेकर नाखुश थे। इस बारे में उन्होंने मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र भी लिखा था।
लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली में कांग्रेस को बड़ा राजनीतिक झटका लगा है। दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली, कांग्रेस की शीला दीक्षित सरकार में लगातार 15 वर्षों तक मंत्री रहे राजकुमार चौहान, पूर्व विधायक नसीब सिंह एवं नीरज बसोया और अमित मलिक ने शनिवार को भाजपा का दामन थाम लिया।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े, भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी, संजय मयूख और भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा की मौजूदगी में अरविंदर सिंह लवली, राजकुमार चौहान, नसीब सिंह, नीरज बसोया और अमित मलिक ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने कांग्रेस के नेताओं का भाजपा में स्वागत करते हुए कहा कि यह लग रहा था कि रायबरेली से प्रियंका गांधी चुनाव लड़ेंगी, लेकिन राहुल गांधी ने रायबरेली से नामांकन भर दिया, उन्होंने कहा कि पीएम मोदी कहते हैं, ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ लेकिन कांग्रेस का नारा ‘बेटा बचाओ बेटा बढ़ाओ’ है।
वीरेन्द्र सचदेवा ने इन सभी नेताओं का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि उन्हें यकीन है कि सब मिलकर दिल्ली में भ्रष्टाचार वाली सरकार को उखाड़ फेंकेंगे, भाजपा में शामिल होने के बाद अरविंदर सिंह लवली ने पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को राष्ट्र निर्माण और दिल्ली की लड़ाई में सहयोग का मौका देने के लिए धन्यवाद कहा।