छह पट्टी सोर के प्रसिद्ध सेरा देवल को जाने वाला रास्ता आम लोगों के लिए खोलने की मांग काे लेकर जाग उठा पहाड़ का धरना पांचवें दिन भी जारी रहा। बृहस्पतिवार को सीनियर सिटीजन सोसाइटी ने समर्थन में धरना दिया।
समर्थन देने वालों में सीनियर सिटीजन सोसायटी के जिलाध्यक्ष दयाकृष्ण भट्ट, आरएस खनका, गिरधर सिंह बिष्ट, बुद्धि बल्लभ भट्ट, चंद्र शेखर भट्ट, धनी राम चन्याल शामिल रहे। उन्होंने कहा कि रास्ते बंद होने से लोगों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जन भावनाओं को देखते हुए सेना ने बंद रास्तों को शीघ्र खोलना चाहिए।
जाग उठा पहाड़ के संयोजक गोपू महर ने कहा कि गांवों के परंपरागत मार्ग बंद करने से लोग आक्रोशित हैं। जब तक बंद रास्ते आम जनता के लिए नहीं खोले जाते हैं उनका आंदोलन जारी रहेगा। बृहस्पतिवार को भी क्षेत्र की महिलाओं ने धरना स्थल पहुंचकर प्रदर्शन किया। सभा में मनोज कसनियाल, सुरेश कसनियाल, शमशेर महर, पुजारी चंद्र शेखर भट्ट, ललित धानिक, रघुवीर बिष्ट, अनूप महर सहित दर्जनों लोग बैठे। सभा का संचालन विनीत पाठक ने किया।
राज्य सरकार के नाम पर दर्ज है सेना के कब्जे वाली 0.260 हेक्टेयर भूमि
पिथौरागढ़। जनता की मांग पर अब प्रशासन ने स्थानीय स्तर पर समाधान निकालने की पहल शुरू कर दी है। शासन के निर्देश के बाद कुछ समय पूर्व सेना, राजस्व और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने संयुक्त निरीक्षण किया था। इसके बाद अभिलेखों की जांच में सेना के कब्जे वाली 0.260 हेक्टेयर भूमि राज्य सरकार के नाम पर दर्ज मिली। डीएम रीना जोशी ने सेना के कमांडर को पत्र भेजकर कहा है कि सैन्य क्षेत्र में उपलब्ध राज्य भूमि और सेना को आवंटित भूमि का समान क्षेत्रफल होने से परस्पर विनिमय हो सकता है। उन्होंने कहा है कि इससे स्थानीय लोगों की समस्या का समाधान भी हो जाएगा और सेना की भूमि की प्रतिपूर्ति भी हो जाएगी।