सिस्टम ने हाथ खड़े किए, ग्रामीणों ने फावड़ा उठाया और बनाने लगे सड़क

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अल्मोड़ा जिले के चापी के ग्रामीण चंदा एकत्र कर श्रमदान से कर रहे मार्ग का निर्माण 03 किमी सड़क निर्माण के लिए जुटाए 60 हजार 02 किमी के बाद खत्म हो गया था सरकारी बजट 1200 की आबादी वाला गांव सड़क से पांच किमी दूरअल्मोड़ा जिले के धौलादेवी विकासखंड के चामी गांव में राज्य गठन के बाद भी सड़क नहीं पहुंची तो ग्रामीणों ने खुद पैसों का इंतजाम कर सड़क निर्माण के लिए फावड़ा और बेलचा उठा लिया। ग्रामीणों का कहना है कि सरकारी तंत्र हमारे गांव तक सड़क पहुंचाने में नाकाम साबित हुआ है। अब हम खुद अपने गांव तक सड़क पहुंचाएंगे।

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1200 की आबादी वाला धौलादेवी विकासखंड के चामी गांव वमनस्वाल-लमगड़ा सड़क से पांच किमी दूर है। यहां के ग्रामीण सालों से सड़क की मांग कर रहे हैं। बीमारों और गर्भवतियों को भी डोली के सहारे अस्पताल पहुंचाना मजबूरी बन गया है। किसी तरह विधायक निधि, क्षेत्र पंचायत और ग्राम पंचायत निधि से दो किमी सड़क का निर्माण हुआ तो बजट पूरा खर्च हो गया।

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ग्रामीणों ने सड़क निर्माण की मांग पर सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटे, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। ऐसे में ग्रामीणों ने अपनी लड़ाई खुद लड़ने की ठानी और तीन किमी सड़क निर्माण के लिए चंदा एकत्र किया। किसी ग्रामीण ने 1000 तो किसी ने 5000 रुपये चंदा गांव तक सड़क पहुंचाने के लिए दिया है। 60 हजार रुपये एकत्र होने के बाद ग्रामीणों ने खुद सड़क निर्माण की जिम्मेदारी उठाई है।

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ग्रामीणों ने चुनाव में शामिल न होने के लिए दिया ज्ञापन ग्रामीणों ने कहा कि कई बार सड़क निर्माण के लिए अधिकारियों के चक्कर काट चुके हैं, लेकिन कोई राहत नहीं मिली। कहा जब उनकी समस्याओं का समाधान कर पाने में जनप्रतिनिधि और सरकारी तंत्र नाकाम साबित हुआ है तो उनके लिए लोकतंत्र के महापर्व में अपनी भागीदारी निभाना औचित्यहीन है। ग्रामीणों ने इस संबंध में एसडीएम को ज्ञापन दिया है।

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