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अल्मोड़ा

स्वर्गी बाबा मोहन उत्तराखंडी की पुण्यतिथि पर अल्मोड़ा उत्तराखंड क्रांति दल जिला कार्यकारिणी द्वारा दी गयी श्रद्धांजलि

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आज दिनांक 8 अगस्त को स्वर्गी बाबा मोहन उत्तराखंडी की पुण्यतिथि पर अल्मोड़ा उत्तराखंड क्रांति दल जिला कार्यकारिणी द्वारा श्रद्धांजलि कार्यक्रम लोवर मॉल रोड जिला कार्यालय में संपन्न किया गया जिसमें बाबा मोहन उत्तराखंडी जी के उत्तराखंड आंदोलन से लेकर राज्य की प्राप्ति तक उनके द्वारा किए गए आंदोलन में उनकी भूमिका पर विचार विमर्श किया गया ।

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जिसमें उत्तराखंड क्रांति दल के जिलाध्यक्ष दिनेश जोशी ने कहा की स्वर्गीय बाबा उत्तराखंड जी का इस राज्य आंदोलन की भूमि में भूमिका को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता जहां उन्होंने अपनी नौकरी को छोड़ उत्तराखंड आंदोलन में अपनी भूमिका निभाई उत्तराखंड के राज्य की राजधानी गैरसैंण और विभिन्न मांगों को लेकर कई बार आंदोलन किया वैसे यह नाम उन्हें इस आंदोलन से ही मिला।

 2 अक्टूबर को रामपुर घटना को देखकर जब उनका मन बहुत ही दुखी हुआ तो उन्होंने उसी दिन से अपने बाल ना काटने ,गेरुवा वस्त्र धारण करने एक टाइम का भोजन लेने का संकल्प किया तथा उसके बाद कई मुद्दों पर उत्तराखंड राज्य आंदोलन में जीवन अपना इस राज्य आंदोलन में लगा दिया इसी से उन्हें बाबा उत्तराखंडी के नाम से आज भी पूरा उत्तराखंड याद करता है वही केन्द्रीय सचिव गिरीश नाथ गोस्वामी ने बताया कि बाबा मोहन उत्तराखंडी जी जीवन से जुड़ी हुई है।

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 उत्तराखण्ड राज्य आंदोलन में उस वक्त युवा पीढ़ी का त्याग को समझा जा सकता है की युवा किस उम्दित से उत्तराखण्ड आंदोलन में शामिल हूवा और आज जब युवा पीढ़ी रोजगार के लिए अपनी बात को उठाता है तो सरकार है उन पर लाठीचार्ज करती है वहीं महिलाओं के ऊपर राज्य में किस तरह की हरकत हो रही हैं अंकिता भंडारी हत्याकांड से समझा जा सकता है।

 कहने का तात्पर्य है कि आज बाबा मोहन उत्तराखंडी को श्रद्धांजलि देते हुए उनके द्वारा किए गए आंदोलन की भूमिका में जिस उद्देश्य से किया गया राज्य होगा यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा यहां की मातृशक्ति सुरक्षित होगी किंतु आज राज्य किस दिशा में जा रहा है ।

इस पर युवाओं को विचार करना होगा और इस पर ने अपने विचार रखे इस कार्यक्रम में वरिष्ठ कार्यकर्ता गिरीश चंद शाह जी ने भी अपने विचार रखे और उस समय अपनी युवावस्था में आंदोलन में रही भूमिका अल्मोड़ा में हुए आंदोलन परअपनी बात को रखा और उस समय की अल्मोड़ा की आंदोलन को याद किया किस प्रकार कलेक्ट्रेट में पूरे अल्मोड़ा में कर्मचारी महिलाएं बाल बच्चे युवा आंदोलन में कूदते कार्यक्रम में मनोज बिष्ट ,महेंद्र लाल, पंकज चम्याल, प्रमोद जोशी , तनय देवड़ी, रवि कुमार, राजेंद्र प्रसाद, हिमांशु कांडपाल, जीवन सिंह,आदि कार्यकता उपस्थित रहे

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