त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल दो वर्ष बढ़ाने के लिए होगा संघर्ष, महापंचायत में लिया गया फैसला

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गढ़वाल मंडल के छह जनपदों से पहुंचे त्रिस्तरीय पंचायत के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने महापंचायत में शिरकत की। महापंचायत में त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल दो वर्ष बढ़ाने के एक सूत्री मांगों पर अपनी सहमति व्यक्त करते हुए संघर्ष का एलान किया। महापंचायत ने चेतावनी दी कि मांग को लेकर उत्तराखंड की तीनों पंचायतें राज्यव्यापी आंदोलन करेगी।

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सोमवार को जिला पंचायत सभागार देहरादून में सोमवार को त्रिस्तरीय पंचायतों के सदस्यों की महापंचायत आयोजित की गई। महापंचायत में गढ़वाल मंडल के सात जनपदों के पंचायत प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

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पिथौरागढ़ के जिला पंचायत सदस्य और कार्यक्रम संयोजक जगत मर्तोलिया ने बताया कि 24 जनवरी को अल्मोड़ा में कुमाऊं मंडल के छह जनपदों के पंचायत प्रतिनिधियों की महापंचायत हुई थी। इसके बाद सोमवार को देहरादून में गढ़वाल मंडल की महापंचायत आयोजित की गई। कहा कि दस सूत्री मांगों पर तीनों पंचायतें आंदोलन के लिए तैयार हैं। कहा कि इससे पहले वह सरकार से बातचीत करना चाहते हैं।

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महापंचायत में उत्तराखंड के 12 जनपदों में त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल दो वर्ष बढ़ाए जाने की मांग पर सहमति व्यक्त की गई। कहा कि कोविड के कारण दो वर्षों तक पंचायतें अपनी बैठक तक नहीं कर पाई। इस कालखंड को पंचायत के कार्यकाल से नहीं जोड़ा जा सकता है। पंचायत एक्ट भी इसकी अनुमति नहीं देता है। इस दौरान एक राज्य एक चुनाव की भी मांग उठाई गई। महापंचायत में तय किया है कि एक सूत्री मांग को लेकर सरकार से बातचीत की जाएगी। सरकार नहीं मानी तो राज्य भर में आंदोलन चलाया जाएगा।

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15वें वित्त का भुगतान पूर्व प्रणाली के आधार पर किया जाए

महापंचायत में राज्य वित्त तथा 15वें वित्त का भुगतान पूर्व की भुगतान प्रणाली के आधार पर करने, उत्तराखंड में सुस्पष्ट पंचायत एक्ट तैयार करने, त्रिस्तरीय पंचायतों को 29 विषय स्थानांतरित करने, पंचायत विभाग का ढांचा पुर्नगठित करने, पंचायतों में जारी आरक्षण को दस वर्षों तक यथावत रखने, देहरादून में पंचायत प्रतिनिधियों के आवास के लिए ट्रांजिट हॉस्टल का निर्माण करने, पंचायत सदस्यों के सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा के लिए पंचायत कल्याण कोष की स्थापना करने की मांग की गई। ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष भास्कर सम्मल ने कहा कि ग्राम प्रधान पूरी ताकत के साथ एक सूत्री मांग को पूरा करने के लिए एकताबद्ध है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार तीनों पंचायतें आपस में मिलकर संघर्ष की शुरुआत कर रहे है। उसे मांग की पूरी होने तक संघर्ष को जारी रखा जाएगा।
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