Rishikesh: श्री देव सुमन विवि ऋषिकेश परिसर का चतुर्थ दीक्षांत समारोह, राज्यपाल जनरल गुरमीत सिंह पहुंचे

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श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के पं. ललित मोहन शर्मा परिसर में आज चतुर्थ दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) पहुंचे।

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अति विशिष्ट अतिथि और शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगे। दीक्षांत समारोह में 19,849 स्नातक और स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं को उपाधि दी जाएगी। 69 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक दिया जाएगा। विज्ञान, कला और वाणिज्य संकाय में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को श्रीदेव सुमन स्वर्ण पदक से सम्मानित किया जाएगा।

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स्नातकोत्तर के तीन विषय इतिहास, मानव विज्ञान, चित्रकला में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को कैप्टन शूरवीर सिंह पंवार स्वर्ण पदक से सम्मानित किया जाएगा। दीक्षांत समारोह विवि परिसर में नवनिर्मित स्वामी विवेकानंद प्रेक्षागृह में आयोजित होगा। करीब ढाई करोड़ की लागत से बने प्रेक्षागृह का मुख्य अतिथि लोकार्पण करेंगे। उसके बाद प्रेक्षागृह में कार्यक्रम का आयोजन होगा। इस मौके पर निदेशक प्रो. महावीर सिंह रावत, परीक्षा नियंत्रक प्रो. विजय श्रीवास्तव, कुलसचिव प्रो. केआर भट्ट, मीडिया प्रभारी डाॅ. अशोक कुमार मैंदोला आदि मौजूद
रहे।

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ढांचागत सुविधाओं का किया जा रहा विकास
कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश और विश्वविद्यालय मुख्यालय में ढांचागत सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। जिसके तहत ऋषिकेश परिसर में एकेडमिक ब्लॉक, परीक्षा हॉल, टाइप 5 की बिल्डिंग, गेस्ट हाउस का निर्माण कार्य प्रगति पर है। विज्ञान और कला संकाय के मरम्मरतीकरण का कार्य शुरू हो गया है। ऑडिटोरियम एवं वाणिज्य में प्रथम तल का कार्य भी शुरू होने वाला है।

पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर
कहा, विश्वविद्यालय में रोजगारपरक व्यवसायिक पाठ्यक्रम बीबीए, बीसीए, बीएससी (कंप्यूटर साइंस) और एमएससी माइक्रोबॉयालोजी आदि विधिवत शुरू हो गए हैं। साथ ही विश्वविद्यालय मुख्यालय में भी एक दशक बाद बीसीए पाठ्यक्रम शुरू कर दिया गया है। विश्वविद्यालय के अकादमिक और प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता लाने एवं जवाबदेही तय करने के लिए श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय की ओर से ईआरपी पोर्टल तैयार कर समस्त कार्यों को डिजिटाइज किया गया है।

पेटेंट सेल किया गया है स्थापित
कहा, भारतीय ज्ञान परंपरा उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना भी विश्वविद्यालय की ओर से ऋषिकेश परिसर में की गई है। जिसमें विभिन्न शोध परियोजनाओं, सम्मेलनों, फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम, विशिष्ट लेक्चर्स के माध्यम से भारतीय ज्ञान परंपरा से संबंधित विषयों का गहन विमर्श तथा परंपरागत ज्ञान व आदर्शों को समाज को पुर्नस्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है। विश्वविद्यालय ने नवाचार की दशा में एक और पहल करते हुए पेटेंट सेल स्थापित किया है। जिसके तहत यूकास्ट उत्तराखंड से एमओयू भी किया गया है।

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