हरीश रावत भी कांग्रेस की गुटबाजी में कूदे, लोकसभा चुनाव 2024 से पहले रार

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कांग्रेस सम्मेलन में काली कुमाऊं की आत्मा के प्रतीक हेमेश खर्कवाल का भाग न लेना अच्छा नहीं रहा। बुलाया या नहीं बुलाया, लेकिन उनकी अनुपस्थिति ने मुझे चोट पहुंचाई है। यह पोस्ट अपने फेसबुक एकाउंट पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने डाली है।

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इसके बाद सियासी गलियारों में चम्पावत कांग्रेस की गुटबाजी की चर्चाएं सुर्खियों पर हैं। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पार्टी में रार चर्चा का विषय  बना हुआ है। दरअसल, गुरुवार को लोहाघाट में कांग्रेस का जिला स्तरीय सम्मेलन हुआ था। इसमें प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा, पूर्व विस अध्यक्ष गोविंद कुंजवाल आदि बड़े नता पहुंचे थे।

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लेकिन चम्पावत के पूर्व विधायक हेमेश खर्कवाल इस सम्मेलन का हिस्सा नहीं थे। जब इस बारे में खर्कवाल से उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने साफतौर पर कहा कि एक कार्यकर्ता की तरह ही उन्हें इसकी जानकारी थी। लेकिन किसी ने भी इस बारे में उन्हें निजी तौर पर आमंत्रण नहीं दिया था। हालांकि वे परिवार में शादी समारोह के चलते व्यस्त थे।

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सोमवार को पूर्व सीएम हरीश रावत ने इस बात की टीस सोशल मीडिया में निकाली। आम चुनाव और उपचुनाव में साफ दिखी थी गुटबाजी विधानसभा के आम चुनावों से लेकर उपचुनाव में भी कांग्रेस की गुटबाजी साफ तौर पर चम्पावत में देखने को मिली थी। पहाड़ और मैदान भी इसका बड़ा कारण सामने आया था।

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क्योंकि एक गुट मैदान से ज्यादा लगाव रखता है, तो दूसरा पहाड़ से। सीएम के उपचुनाव में कांग्रेस की प्रत्याशी रहीं निर्मला गहतोड़ी भी इस गुटबाजी का शिकार हुई थी। इसका परिणाम रहा कि चम्पावत विस में कांग्रेस के पक्ष में पांच हजार वोट भी नहीं आ सके। अब लोकसभा और निकाय चुनाव पर भी इस गुटबाजी से कांग्रेस की मुसीबत बढ़ सकती है।

पूर्व सीएम ने फेसबुक पर क्या डाला, इसकी जानकारी नहीं है। वे मेरे राजनीतिक प्रेरणास्रोत रहे हैं। जहां तक सवाल मुझे सम्मेलन के लिए जानकारी देने का है, मुझे किसी ने कार्यक्रम की जानकारी नहीं दी। अगर दी होती तो इसका रिकॉर्ड मेरे पास होता। बेवजह बातें की जा रही हैं।

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