भारत के एक और कफ सिरप को लेकर WHO ने जारी किया अलर्ट, लैब टेस्ट के बाद सेहत के लिए बताया खतरनाक

News Desk
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Indian Cough Syrup: भारत में बनने वाली नकली दवाओं और कफ सिरप को लेकर पिछले कुछ महीनों में लगातार सवाल उठते आए हैं, इसी बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक और भारतीय कफ सिरप को लेकर अलर्ट जारी किया है. इस सिरप का सैंपल इराक से लिया गया था, जिसके बाद इसे लैब में टेस्टिंग के लिए भेजा गया. अब बताया गया है कि भारत में बने इस कोल्ड आउट सिरप में डायथिलीन ग्लाइकॉल (0.25%) और एथिलीन ग्लाइकॉल (2.1%) की मात्रा ज्यादा पाई गई. जो सेहत के लिए काफी हानिकारक है. 

सेहत के लिए काफी हानिकारक
WHO की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि एथिलीन ग्लाइकॉल और डायथिलीन ग्लाइकॉल दोनों के लिए 0.10% सीमा तय की गई है. इससे ज्यादा मात्रा होने से ये सेहत के लिए घातक साबित हो सकता है. इन दोनों का ज्यादा मात्रा में सेवन करना शरीर में जहर डालने जैसा हो सकता है. 

बैन हो सकता है सिरप
इस कोल्ड आउट सिरप (पैरासिटामोल और क्लोरफेनिरामाइन मैलेट) का निर्माण तमिलनाडु स्थित फोर्ट्स (इंडिया) लेबोरेटरीज प्राइवेट लिमिटेड ने महाराष्ट्र स्थित डाबीलाइफ फार्मा प्राइवेट लिमिटेड के लिए किया था. जिसके बाद अब इस कफ सिरप पर जल्द बैन लगाया जा सकता है. साथ ही कंपनी के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है. इस कफ सिरप का इस्तेमाल जुकाम के शुरुआती लक्षणों को ठीक करने और एलर्जी के लिए किया जाता है. 

जांच के दायरे में कई कंपनियां
इससे पहले भी कई कंपनियों के कफ सिरप को लेकर सवाल उठे थे. दुनियाभर के कई देशों में कफ सिरप के चलते करीब 300 से ज्यादा बच्चों की मौत हुई थी, जिसके बाद WHO ने अलर्ट जारी किया था. गाम्बिया और उजबेकिस्तान में हुई बच्चों की मौतों के बाद भारतीय कंपनियों का नाम प्रमुखता से सामने आया था, जिसके बाद सरकार और WHO ने इन दवाओं की जांच की. इसे लेकर कुछ कंपनियों के खिलाफ एक्शन भी लिया गया. 

इसे लेकर सरकार की तरफ से भी नियमों में बदलाव कर कहा गया था कि बिना सरकारी लैब में जांच के कोई भी कंपनी दवाओं को विदेश नहीं भेज सकती है. अगर दवा मानकों पर खरी नहीं उतरती है तो उसका प्रोडक्शन बंद कर दिया जाएगा. 1 जून 2023 से ये नियम लागू किए गए. 

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