हल्द्वानी में और बढ़ेगा पानी का संकट, बूंद-बूंद को तरस सकते हैं लोग; एक वजह ने सभी को किया परेशान

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हल्द्वानी में गर्मी बढ़ने और गौला का जलस्तर कम होने का असर अब शहर में भी दिखने लगा है। गौला की पेयजल लाइन वाले कई इलाकों में पानी का संकट गहरा गया है। बारिश नहीं होने से गौला का जलस्तर 99 क्यूसेक पहुंच गया है, जबकि मार्च में बारिश होने के बाद जलस्तर 200 क्यूसेक पहुंच गया था। लगातार जलस्तर घटने से अब नहरों और फिल्टर प्लांट को पर्याप्त पानी नहीं मिल सकेगा। 

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दमुवाढूंगा, हिम्मतपुर भगवानपुर, इंदिरा नगर, नैनीताल रोड, बरेली रोड और लालडांठ के कई इलाकों में गौला की पेयजल लाइन से पानी मिलता है लेकिन गर्मी की शुरुआत होते ही इन लाइनों में प्रेशर कम होने लगा है। गौला से 35 एमएलडी पानी शीशमहल फिल्टर प्लांट को दिया जाता है, जबकि 100 क्यूसेक पानी की आवश्यकता हर रोज सिंचाई के लिए रहती है। जलस्तर कम होने पर रोस्टर के हिसाब से किसानों को पानी दिया जाता है। विभाग की मानें तो शहर को हर दिन 150 से 200 एमएलडी पानी की आवश्यकता होती है लेकिन अब गौला का जलस्तर 99 क्यूसेक रहने से फिल्टर प्लांट को पानी देने के बाद मात्र 84 क्यूसेक पानी गौला में भेजा जा रहा है, जिससे सिंचाई के लिए भी संकट पैदा होने लगा है।

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गौला से हर रोज 35 एमएलडी पानी फिल्टर प्लांट को दिया जाता है। जिससे शहर में पेयजल की आपूर्ति होती है। बचे हुए पानी को सिंचाई विभाग आवश्यकता अनुसार नहराें के माध्यम से बांटता है। – नीरज तिवारी, सहायक अभियंता, जल संस्थान

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हर दिन 35 एमएलडी बतौर पेयजल दिया जाता है। शेष नहरों के माध्यम से सिंचाई के लिए दिया जाता है। यदि जल्द बारिश नहीं हुई तो समस्या बढ़ सकती है।  – मनोज तिवारी, जेई, सिंचाई विभाग

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जिले में अब नए भवन निर्माण के लिए जल संयोजन भी निर्माण कार्य को प्रतिबंधित कर दिया गया है। वहीं नए संयोजनों को भी अगले आदेशों तक रोका गया है। जिला प्रशासन ने सर्विस सेंटरों में वाहनों की धुलाई और सर्विस कनेक्शन पर टुल्लू पंप के प्रयोग को प्रतिबंधित कर दिया है। जल संस्थान के एसई विशाल कुमार सक्सेना ने बताया कि जिला प्रशासन के आदेशों के तहत गर्मी के सीजन में नए कनेक्शनों पर रोक लगाई है।

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