चुनौती… अल्मोड़ा सीट पर 60 फीसदी मतदान का लक्ष्य

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अल्मोड़ा संसदीय सीट पर इस लोकसभा चुनाव में 60 फीसदी मतदान कराना लक्ष्य है। इसके लिए निर्वाचन आयोग ने अभियान चलाते हुए मतदाताओं को जागरूक किया है। मतदान में कुछ ही घंटे शेष हैं। इस सीट पर बीते लोकसभा चुनाव में 52 प्रतिशत मतदाताओं ने भागीदारी निभाई थी।अल्मोड़ा सीट पर अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत और पिथौरागढ़ जिलों के 14 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।

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इस बार इस सीट पर छह प्रत्याशियों के बीच मुकाबला है। निर्वाचन आयोग ने भी मतदान की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में इस संसदीय सीट पर 52 प्रतिशत मतदान हुआ था। तब 13,37,808 मतदाताओं के सापेक्ष 6,94,472 मतदाताओं ने मतदान किया था। प्रत्याशी और राजनीतिक दलों ने भी अपने पक्ष में अधिक मतदान कराने के लिए मतदाताओं को रिझाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है लेकिन चुनाव के अंतिम क्षणों में भी मतदाता चुप है। इस सीट पर पुराने रिकॉर्ड टूटकर मत प्रतिशत बढ़ेगा या इसमें कमी आएगी, यह समय बताएगा।

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मत प्रतिशत बढ़ाने के लिए ग्रामीण मतदाताओं की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। अल्मोड़ा सीट पर 90 फीसदी वोटर ग्रामीण हैं। इस सीट पर 13,59,815 मतदाता पंजीकृत हैं। चार जिलों के 16 निकायों में सिर्फ 1,40,926 मतदाता निवास करते हैं। 12,18,889 मतदाता ग्रामीण हैं।

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अल्मोड़ा सीट में शामिल चारों जिलों में 57,815 पूर्व सैनिक और वीरांगनाएं हैं। अल्मोड़ा में 14,412, पिथौरागढ़ में 26720, बागेश्वर में 11,625 और चंपावत में 5058 पूर्व सैनिक और वीरांगनाएं लोकतंत्र के महापर्व में अपनी भागीदारी निभाएंगी। आंकड़ों से स्पष्ट है कि पूर्व सैनिकों और वीरांगनाओं की भूमिका भी मत प्रतिशत बढ़ाने में महत्वपूर्ण होगी।

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