मूल भूत आवश्यकताओं से जूझते घिरौली गांव के ग्रामीण,

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कुमाऊँ के पहाड़ी जिले बागेश्वर के मुख्यालय से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज कि व्यवस्था धराशायी हो गई है, ग्राम प्रधानों का कार्य काल पूरा होने को है, लेकिन गांवों में पक्के रास्ते तक नही बन पाये है, बागेश्वर मुख्यालय से जुड़े घिरौली गांव के धोलाड़ी, तिड़ाली तोक मूलभूत आवश्यकताओं से जूझ रहा है, घिरौली गांव के ग्राम प्रधान अपने क्षेत्रों में पक्के पैदल रास्ते तक नही बना पाये है,पहाड़ में बने पकगड्डी के सहारे ग्रामीण चलने को मजबूर है, ग्रामीणों का आरोप है,

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गांव में कोई विकास कार्य नही हुआ है, ना तो पक्के पैदल रास्तो कि व्यवस्था है, ना तो पानी कि व्यवस्था कि गई है, घिरौली गांव का ग्राम प्रधान एक राशन कार्ड तक नही बना पा रहा है, ग्रामीण कई बार ग्राम प्रधान और विधायक बागेश्वर के घर में तक चले गये है, ग्रामीणों को लगातार आश्वाशन ही दिये जा रहे है,केवल कागजों में ही विकास कार्य हुये है, धरातल पर विकास नही हुआ है, घिरौली के ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार से गांव के हालातों कि सुध लेने कि अपील करते हुए, दुखी मन से कहना है, कि नयी पीढ़ी के बने ग्राम प्रधानों को गांव कि समझ तक नही है, विकास कि परिकल्पना तो दूर कि गोटी है,

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